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ग्रंथ क्रमांक | ग्रंथाचे नाव | लेखक / टीकाकार | पृष्ठ संख्या | किंमत |
---|---|---|---|---|
*८१ | आश्वलायनश्रौतसूत्रम् नारायण वृत्तिः | आश्वलायन | 470 | 1000 |
८२ | ब्रह्मसूत्रवृत्ति: | हरि दीक्षित | 243 | 300 |
८३/१ | संक्षेपशारीरकम् | सुबोधिनी | 441 | उपलब्ध नाही |
८३/२ | संक्षेपशारीरकम् | वासुदेव अभ्यंकर | 449 | उपलब्ध नाही |
८४ | अद्वैतामोद: | वासुदेव अभ्यंकर | 188 | 200 |
*८५ | ज्योतिर्निबन्ध: | शिवराज | 396 | 850 |
८६ | विधानमाला | नृसिंह भट्ट | 419 | 420 |
८७ | अग्निहोत्रचन्द्रिका | वामनशास्त्री किंजवडेकर | 299 | 300 |
८८/१ | निरूक्तम् | भा. यास्काचार्य – टीका - दुर्गाचार्य | 652 | 450 |
८८/२ | निरूक्तम् | भा. यास्काचार्य – टीका - दुर्गाचार्य | 474 | 300 |
८९ | काव्यप्रकाश: | माणिक्यचंद्र | 338 | उपलब्ध नाही |
९० | शाड्.खायनारण्यकम् | सायणाचार्य | 56 | 60 |
९१ | गौतममुनिप्रणितन्यायसूत्राणि | भाष्य वात्स्यायन | 440 | 300 |
९२ | श्रीमद्भगवद्गीता | रामानुजाचार्य | 743 | उपलब्ध नाही |
९३ | दर्शपूर्णमासप्रकाश: | वामनशास्त्री किंजवडेकर | 648 | उपलब्ध नाही |
*९४ | संस्कारपद्धति: | भास्कर अभ्यंकर | 256 | 500 |
९५ | काश्यपशिल्पम् | कश्यप | 296 | 280 |
९६ | करणकौस्तुभ: | कृष्णद्वैपायन | 54 | 50 |
९७/१ | श्रीमज्जैमिनिप्रणीतम् मीमांसादर्शनम् | शाबरभाष्य | 159 | 120 |
९७/२ | श्रीमज्जैमिनिप्रणीतम् मीमांसादर्शनम् | शाबरभाष्य | 487 | 360 |
९७/३ | श्रीमज्जैमिनिप्रणीतम् मीमांसादर्शनम् | शाबरभाष्य | 249 | 180 |
९७/४ | श्रीमज्जैमिनिप्रणीतम् मीमांसादर्शनम् | शाबरभाष्य | 658 | 420 |
९७/५ | श्रीमज्जैमिनिप्रणीतम् मीमांसादर्शनम् | शाबरभाष्य | 466 | 330 |
९७/६ | श्रीमज्जैमिनिप्रणीतम् मीमांसादर्शनम् | शाबरभाष्य | 601 | 420 |
९७/७ | श्रीमज्जैमिनिप्रणीतम् मीमांसादर्शनम् | शाबरभाष्य | 233 | 180 |
९८/१ | धर्मतत्त्वनिर्णय: | वासुदेव अभ्यंकर | 58 | 150 |
९८/२ | धर्मतत्त्वनिर्णय: परिशिष्टम् | वासुदेव अभ्यंकर | 92 | 250 |
*९९ | भास्करीयबीजगणितम् | कृष्णदैवज्ञ | 225 | 300 |
१०० | प्रायश्चितेन्दुशेखर: तथा कुण्डार्क: | नागोजी भट्ट | 170 | 140 |
१०१/१ | शाङ्करपादभूषणम् | रघुनाथ पर्वते | 473 | उपलब्ध नाही |
१०१/२ | शाङ्करपादभूषणम् | रघुनाथ पर्वते | 360 | उपलब्ध नाही |
१०२/१ | ब्रह्मवैवर्तपुराणम् | द्वैपायन | 443 | उपलब्ध नाही |
१०२/२ | ब्रह्मवैवर्तपुराणम् | द्वैपायन | 489 | उपलब्ध नाही |
१०३ | श्रुतिसारसमुद्धरणम् | सच्चिदानंद योगीन्द्र | 84 | 80 |
१०४ | त्रिंशच्छ्लोकी | रघुनाथ भट्ट | 293 | उपलब्ध नाही |
१०५ | आश्वलायनगृहयसूत्रम् | नारायण | 284 | 250 |
१०६ | दशोपनिषद् | 179 | 140 | |
*१०७/१ | लीलावती | भास्कराचार्य | 135 | 250 |
*१०७/२ | लीलावती | भास्कराचार्य | 173 | 400 |
*१०८/१ | व्याकरणमहाभाष्यम् उद्योतः | पतंजली | 268 | 1000 |
*१०८/२ | व्याकरणमहाभाष्यम् उद्योतः | पतंजली | 153 | 400 |
१०९ | श्रीमद्भगवद्गीताया: प्रथमद्वितीयाध्यायौ | वासुदेव अभ्यंकर | 227 | उपलब्ध नाही |
११०/१ | ग्रहगणिताध्याय: - टीकाप्रकाशः | भास्कराचार्य | 251 | 240 |
*११०/२ | ग्रहगणिताध्याय: - टीकाप्रकाशः | भास्कराचार्य | 192 | 400 |
१११ | कायपरिशुद्धि: | वासुदेव अभ्यंकर | 132 | 130 |
११२ | भगवद्गीता | रामसर्वतोभद्र | 316 | उपलब्ध नाही |
११३ | मध्वतन्त्रमुखमर्दनम् | अप्पय दीक्षित | 151 | 180 |
*११४ | रुद्राध्याय: | विष्णुसुरी | 103 | 300 |
११५ | रसरत्नसमुच्चयटीका | चिंतामणशास्त्री | 289 | 200 |
११६ | दत्तकमीमांसा | शंकर मारुलकर | 337 | उपलब्ध नाही |
११७ | ब्रह्मसूत्रसिद्धान्तमुक्तावलि: | वनमाली | 252 | उपलब्ध नाही |
११८ | दत्तकचन्द्रिका | कुबेरभट्ट | 122 | 100 |
११९ | कालमाधवकारिका | माधवाचार्य | 50 | 60 |
१२० | तिथिचिन्तामणि: | गणेशदैवज्ञ | 49 | 50 |